अपने- आप ही मंद मंद हँसते हैं, उसे ज़ाहिर करने का मंज़र हो। अपने- आप ही मंद मंद हँसते हैं, उसे ज़ाहिर करने का मंज़र हो।
ना रूठा करो यारो से ये दिन याद आएंगे यारी तो रहेगा पर यार दूर हो जाएंगे। ना रूठा करो यारो से ये दिन याद आएंगे यारी तो रहेगा पर यार दूर हो जाएंगे।
एक बार फिर खोल लें गठरी यारी की। एक बार फिर खोल लें गठरी यारी की।
तो ये भी बन सकती, दुनिया में सर्वश्रेष्ठ चाय और लोगों की आय, ले जा सकती कई गुना आगे। तो ये भी बन सकती, दुनिया में सर्वश्रेष्ठ चाय और लोगों की आय, ले जा सकती...
ऊर्जा का संचार करती कितना सुखद एहसास है यह, बागानों की नरम पत्तियां किन हाथों से ग ऊर्जा का संचार करती कितना सुखद एहसास है यह, बागानों की नरम पत्तियां कि...
देखो ! बालकनी में पड़ा अख़बार कैसे फड़फड़ा रहा है कुल्हड़ की चाय पसंद है न तुम्हे चख के बताना तो कै... देखो ! बालकनी में पड़ा अख़बार कैसे फड़फड़ा रहा है कुल्हड़ की चाय पसंद है न तुम्हे ...